Wednesday, September 23, 2009

विज्ञान




 


टकराते हैं बादल दानवाकार

चमकती है

बिजली

किंतु गर्जना हमें डराती है

जो चमक चुकी बिजली के

युगों बाद

हम तक आती है...

अक्सर

मुझे डराती है

लंबी, उदास और ठंडी-अकेली

अँधियारी रातें

जबकि

तुम्हारी याद

चमक कर पहले ही

दूर चली जाती है....

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।