Wednesday, November 18, 2009

हिंदी दिवस (!)













विचार

किसी भाषा के
गुलाम नहीं
लेकिन
अपनी भाषा में
सब कुछ
कहना भी आसान नहीं
अपनी भाषा में गाओ, गुनगुनाओ मगर
दूसरी जबान को भी
समझो, सराहो
दिल बड़ा हो तो
तमाम अनुभूतियाँ
दामन थाम लेती है
क्योंकि
सारी नदियाँ
समंदर में विराम लेती है....



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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।