Sunday, June 20, 2010

काश....


कभी-कभी इतना
बेचैन हो जाता हूँ
दुनियाई परेशानियों से
कि लगता है
काश, तुम होती.......

1 comment:

  1. दुनियाई परेशानियों में उसका होना...कविता पूर्ण भी है और पूरी तरह खुली हुई.....वो रहस्य की परतों में लिपटी हुई है प्रत्येक पाठक अपने अनुकूल अर्थ ग्रहण कर सकता है....वाह नीरव जी सुन्दर भावों से सजी सार्थक कविता हेतु बधाई।

    ReplyDelete

मेरा काव्य संग्रह

मेरा काव्य संग्रह
www.blogvani.com

Blog Archive

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

about me

My photo
मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।