Sunday, April 17, 2011

पहलगाम

कल-कल लिद्दर
ठंडी छाँह
दसियों रंग
ढेरों फूल
महँगी रोटी, सस्ती धाम
जितने घोड़े, उतनी गाड़ी
अब तो नहीं
पहले होगा गाम
पहलगाम


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मेरा काव्य संग्रह

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मुझे फूलों से प्यार है, तितलियों, रंगों, हरियाली और इन शॉर्ट उस सब से प्यार है जिसे हम प्रकृति कहते हैं।